जनाब के. के. सिंह "मयंक" ने ग़जल, भजन, हम्द, नात, मनकबतऔर गीत लिखे हैं।
Chale Aayi Meherban Haule Haule
Roz Peeta Hoon
कितनी हसीन रात है
खुशबू देना है काम फूलों का
तुमसे आँख मिलाई तो
तेरे बगैर नींद न आए तो क्या करूँ
दिल को अच्छे लगे दिलरुबा कह दिया
भूमिका
मैंने कहा हो जलवगार
रुख से पर्दा जो हटाओ तो
रोज़ पीता हूँ
वफ़ा के दीप मैं कब से